Mukhyamantri Ayushman Bal Sambal Yojana: 50 तरह के रोगों का होगा फ्री इलाज होगा

Mukhyamantri Ayushman Bal Sambal Yojana: बाल सफल योजना राजस्थान सरकार द्वारा शुरू की गई एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसका उद्देश्य बच्चों के समग्र विकास एवं उनके अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। यह योजना शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण और समाज कल्याण के विभिन्न पहलुओं को एकीकृत करती है। योजना विशेष रूप से राज्य के ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में बच्चों की जीवन गुणवत्ता को सुधारने पर केंद्रित है।

Mukhyamantri Ayushman Bal Sambal Yojana 2025: बच्चों के लिए नई स्वास्थ्य पहल

राजस्थान में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की सरकार ने जनहित को ध्यान में रखते हुए एक नई योजना की शुरुआत की है, जिसके तहत जरूरतमंद बच्चों को 50 लाख रुपये तक का लाभ मिलेगा। हालांकि, इस योजना का लाभ उन्हीं बच्चों को मिलेगा जिनकी उम्र 18 वर्ष से कम है।

यह योजना उन बच्चों और किशोरों के लिए लाई गई है, जो दुर्लभ बीमारियों से ग्रसित हैं और महंगे इलाज का खर्च उठाने में सक्षम नहीं हैं। मुख्यमंत्री आयुष्मान बाल संबल योजना का शुभारंभ सरकार के एक वर्ष पूरे होने के अवसर पर किया गया। इस योजना को झुंझुनूं जिले में प्रभारी मंत्री और कैबिनेट मंत्री अविनाश गहलोत के नेतृत्व में सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग द्वारा लॉन्च किया गया।

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सरकार ने इस योजना के दिशा-निर्देश भी जारी कर दिए हैं, जिससे लाभार्थी आवश्यक जानकारी प्राप्त कर सकें। यदि आप इस योजना से जुड़ी पूरी जानकारी चाहते हैं, तो इस लेख को अंत तक पढ़ें।

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कार्यकाल पूरा होने के उपलक्ष्य में शुरू होगी योजना

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत के अनुसार राज्य सरकार के एक साल का कार्यकाल पूरा होने पर राज्य के गरीब परिवारों के बच्चों को इलाज की पूरी सुविधा देने के मकसद से पहली बार ऐसी योजना शुरू होगी। उन्होंने बताया कि Mukhyamantri Ayushman Bal Sambal Yojana को इसी महीने लागू किया जाएगा, जिसमें 0 से 18 वर्ष तक के बच्चों को निशुल्क इलाज की सुविधा मिलेगी। ये प्रदेश में पहली बार होगा और इसमें 5 हजार की सहायता राशि देने का प्रावधान भी किया गया है।

योजना के मुख्य उद्देश्य

  1. संपूर्ण विकास: राज्य के ग्रामीण एवं पिछड़े क्षेत्र के बच्चों के पूरे विकास के लिए यह योजना चलाई गई है।
  2. बच्चों का समग्र विकास: शारीरिक, मानसिक, और सामाजिक विकास को सुनिश्चित करना तथा शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं तक समान पहुंच प्रदान करना।
  3. शिशु मृत्यु दर और कुपोषण में कमी: गर्भवती महिलाओं और बच्चों को पोषण सेवाएं उपलब्ध कराना और नियमित स्वास्थ्य जांच और टीकाकरण सुनिश्चित करना।
  4. बच्चों में संपूर्ण शिक्षा: ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को संपूर्ण शिक्षा देने और स्कूल ड्रॉपआउट को कम करने के लिए सरकार द्वारा एक नई पहल है।
  5. बाल श्रम और शोषण की रोकथाम: बाल अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करना तथा बाल मजदूरी एवं शोषण को रोकने के लिए कानूनी प्रावधान लागू करना।

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योजना के तहत प्रमुख कार्य

आंगनवाड़ी केंद्रों को मजबूत करना: आंगनवाड़ी केंद्रों में पोषण आहार और स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना और बच्चों के लिए खेल और शैक्षिक सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित करना।

योजना के तहत स्वास्थ्य सेवाएं:

1: नियमित स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन कराना।

2: 0-6 साल के बच्चों के लिए पोषण और स्वास्थ्य निगरानी।

3: गर्भवती और धात्री महिलाओं के लिए परामर्श और पोषण सहायता उपलब्ध करवाना।

शिक्षा कार्यक्रम

  • प्रारंभिक शिक्षा के लिए बालवाड़ी और प्री-स्कूल केंद्र।
  • स्कूल जाने वाले बच्चों को छात्रवृत्ति और अन्य सुविधाएं।

समुदाय सहभागिता

  • माता-पिता और अभिभावकों को जागरूक करना।
  • समुदाय में बाल विकास के महत्व को बढ़ावा देना।

योजना के लाभ

  1. बच्चों को स्वास्थ्य और पोषण की बेहतर सेवाएं मिलती हैं।
  2. शिक्षा में सुधार और बच्चों की ड्रॉपआउट दर में कमी आती है।
  3. बाल अधिकारों की रक्षा होती है और बाल श्रम जैसी समस्याओं को रोकने में मदद मिलती है।
  4. समुदाय में बच्चों के प्रति जागरूकता बढ़ती है।

लाभार्थी:

  • 0 से 18 वर्ष के बच्चे।
  • गर्भवती महिलाएं और धात्री महिलाएं।
  • आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के बच्चे।

आवश्यक दस्तावेज़

  • बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र।
  • परिवार की आय प्रमाण पत्र।
  • आधार कार्ड।
  • अन्य सरकारी प्रमाणपत्र (यदि आवश्यक हो)।

योजना की पात्रता एवं शर्तें

  1. निवास संबंधी आवश्यकता
    आवेदक या तो राजस्थान का मूल निवासी होना चाहिए या राज्य में लगातार कम से कम तीन वर्षों से निवासरत होना आवश्यक है।
  2. लक्षित समूह
    यह योजना मुख्य रूप से आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग तथा गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले परिवारों के लिए संचालित की गई है।
  3. आयु सीमा
    योजना का लाभ केवल उन बच्चों को प्रदान किया जाएगा, जिनकी आयु 18 वर्ष से कम होगी।
  4. चिकित्सकीय प्रमाणन
    आवेदक को दुर्लभ बीमारी से पीड़ित होने का प्रमाणपत्र राज्य के सक्षम चिकित्सा अधिकारी से प्राप्त करना अनिवार्य है।
    दुर्लभ बीमारी की परिभाषा राष्ट्रीय दुर्लभ रोग नीति, 2021 में वर्णित सूची के अनुसार ही मान्य होगी।
  5. प्रमाणन प्राधिकारी
    बीमारी के प्रमाणन का अधिकार केवल एम्स जोधपुर और जे.के. लोन अस्पताल, जयपुर के निर्दिष्ट अधिकारियों को प्राप्त है।
    इन संस्थानों द्वारा जारी किए गए प्रमाणपत्र को योजना के अंतर्गत अंतिम और निर्णायक माना जाएगा।

कैसे करें आवेदन

पात्रता शर्तें:

आवेदक को राजस्थान का मूल निवासी होना चाहिए।

उसे राज्य में निरंतर तीन वर्षों तक निवास करने का प्रमाणपत्र (जैसे—आधार कार्ड, निवास प्रमाण पत्र, या अन्य सरकारी दस्तावेज़) जमा करना आवश्यक होगा।

18 वर्ष से कम आयु के रोगियों के लिए आवेदन प्रक्रिया:

अगर रोगी की आयु 18 वर्ष से कम है, तो सबसे पहले ई-मित्र केंद्र के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन करना होगा।

नोट: आवेदन प्रक्रिया के दौरान सभी दस्तावेज़ों की प्रामाणिकता सुनिश्चित करें। किसी भी प्रकार की गलत जानकारी देने पर आवेदन रद्द किया जा सकता है। अधिक जानकारी के लिए संबंधित ज़िला स्वास्थ्य कार्यालय से संपर्क करें।

योजना में शामिल बीमारियों की सुची

राजस्थान सरकार ने इस योजना में 56 प्रकार की दुर्लभ बीमारियों को शामिल किया हैं जो इस प्रकार से हैं:

  1. एड्रिनोल्यूकोडिस्ट्राफी
  2. क्रोनिक गैरन्यूलोमेटस
  3. ऑस्टियोपेट्रोसिस
  4. फैनकोनी एनीमिया
  5. टाइरोसीनीमिया
  6. च्लाइकोजन भंडारण विकार
  7. मेपल सिरप यूरिन
  8. यूरिया चक्र विकार
  9. ऑर्गेनिक एसिडेमियास
  10. लारोन सिंड्रोम
  11. च्लैंजमैन थ्रोम्बैसथेनिया
  12. मैनोसिडोसिस
  13. असंवेदनशीलता सिंड्रोम
  14. प्राथमिक हाइपर ऑक्साल्यूरिया
  15. फेनिलकेटोन्यूरिया
  16. गैर-पीकेयू हाइपरफेनिलालेनीमिया
  17. होमोसिस्टिन्यूरिया
  18. च्लूटारिक एसिड्यूरिया
  19. मिथाइलमालोनिक एसिडेमिया
  20. प्रोपियोनिक एसिडेमिया
  21. आइसोवलरिक एसिडेमिया
  22. गैलेक्टोसेमिया
  23. ग्लूकोज-गैलेक्टोज अवशोषण विकार
  24. सीवियर फूड प्रोटीन एलर्जी
  25. ऑस्टियोजेनेसिस इम्परफैक्टा
  26. वृद्धि हार्मोन की कमी
  27. प्रेडर-विली सिंड्रोम
  28. टर्नर सिंड्रोम
  29. नूनम सिंड्रोम
  30. सिस्टिक फाइब्रोसिस
  31. माइटोकॉन्ड्रियल विकार
  32. एक्यूट इंटरमिटेंट पोर्फिरिया
  33. विल्सन रोग
  34. गोचर रोग
  35. हर्लर सिंड्रोम
  36. हंटर सिंड्रोम
  37. पॉम्पे रोग
  38. फैब्री रोग
  39. मॉर्क्वियो सिंड्रोम ए
  40. मारोटॉक्स-लैमी सिंड्रोम
  41. डुचेन मस्कुलर डिस्टॉफी
  42. स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी
  43. वोल्मन रोग
  44. हाइपोफॉस्फेटेसिया
  45. हाइपोफॉस्फेटेमिक रिकेट्स
  46. न्यूरोनल सेरॉइड लिपोफस्किनोसिस
  47. जन्मजात एड्रिनल हाइपरप्लासिया
  48. ल्यूसीन संवेदनशील हाइपोज्लाइसीमिया
  49. एटिपिकल हीमोलिटिक यूरेमिक सिंड्रोम
  50. ऑटोसोमल रिसेसिव पॉलिसिस्टिक किडनी
  51. ऑटोसोमल डॉमिनेंट पॉलिसिस्टिक किडनी
  52. जन्मजान हाइपरइंसुलिनेमिक हाइपोज्लाइसीमिया
  53. पारिवारिक होमोजाइगस हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया
  54. अल्फा रिडक्टेस की कमी के कारण एवं आंशिक एण्ड्रोजन
  55. नियोनेटल ऑनसेट मल्टीसिस्टम इन्फ्लेमेटरी डिजीज
  56. सिस्टिनोसिस, वंशानुगत एंजियोएडेमा जैसी बीमारियां शामिल हैं।

निष्कर्ष:

Mukhyamantri Ayushman Bal Sambal Yojana राजस्थान में बच्चों के लिए एक क्रांतिकारी कदम है, जो उनके बेहतर भविष्य के निर्माण में सहायक है। यह योजना न केवल बच्चों के स्वास्थ्य और शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करती है, बल्कि उन्हें एक सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर भी प्रदान करती है।

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