Pm kisan Jharkhand 2025: झारखंड के 16 लाख किसानों को नहीं मिलेगा 19वीं किस्त का पैसा, जानें पूरी कहानी

Pm kisan Jharkhand- दोस्तों, झारखंड में किसान सम्मान निधि योजना को लेकर एक बहुत ही बड़ी फर्जी वाडे की खबर सामने आ रही है। आपको बता दें कि इस योजना को लेकर सरकार की तरफ से एक बुरी खबर सामने आई हुई है। हुआ यह है कि इस योजना के अंतर्गत 16 लाख आवेदन को फर्जी पाया गया है, और यह बहुत ही बड़ी डाटा है। इसको लेकर कारवाही करने का भी आदेश जारी हो गया है, तो क्या है मामला एक-एक करके विस्तार से इस लेख में जानते हैं।

Pm kisan Jharkhand Breaking News 2025

साथियों, पीएम किसान सम्मान निधि योजना देश के लिए एक बहुत ही बड़ी योजना है, जो किसानों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। इस योजना के तहत सभी किसानों को ₹6000 की राशि तीन किस्तों में प्रदान की जाती है, और इस योजना का संचालन भारत के सभी राज्यों में हो रहा है।

अब बात करें Pm kisan Jharkhand के फर्जीवाड़े की तो झारखंड में 17 लाख आवेदन में से 16,32000 आवेदन फर्जी पाए गए हैं। और यह तो केवल एक राज्य का डाटा है क्योंकि भारत के सभी राज्यों में पीएम किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत योग्य किसानों को इस योजना का लाभ मिल रहा है और सभी जगह पे आवेदन भी हो रहा है, तो जरा सोचिएकि सभी जगह के डाटा की क्या स्थिति होगी।

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फर्जीवाड़े को लेकर जांच शुरू

झारखंड राज्य में पीएम किसान सम्मन निधि योजना के फर्जीवाड़े को लेकर जांच भी शुरू हो गया है, और ली गई राशि को लौटाना भी पड़ सकता है। अब तक 18 किस्त की राशि किसानों को दी जा चुकी है और सभी किसानों को इंतजार है 19वीं किस्त की राशि का, जो बहुत ही जल्द मिलने वाली है।

Pm kisan Jharkhand: कितने में कितने आवेदन सही हैं

झारखंड राज्य में पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत किए गए ऑनलाइन आवेदन मैं से कितने सही हैं कितने गलत है नीचे आप देख सकते हैं:-

जिलाकुल आवेदनसही पाए गए
हजारीबाग 1,60 लाख850
गिरिडीह1,30 लाख400
पलामू 1 लाख700
रांची 94 हजार1000
गढ़वा 81 हजार1300
देवघर80 हजार200
गोड्डा80 हजार200
धनबाद 75 हजार10
दुमका70 हजार1000
पाकुड़80 हजार110
चतरा70 हजार900
जामताड़ा66 हजार120

ऑनलाइन आवेदन से हुआ फर्जीवाड़ा

दोस्तों, पीएम किसान सम्मान निधि योजना में स्वतः निबंधन का विकल्प मिलने के बाद फर्जी आवेदन की भरमार हो गई है। वर्तमान में आप स्वत यानी खुद से योजना के आधिकारिक वेबसाइट में जाके अपना पीएम किसान समान योजना के तहत आवेदन कर सकते हैं, या कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) के माध्यम से ऑनलाइन अप्लाई करा सकते हैं।

लेकिन इससे पहले लगभग 2019 में ऑनलाइन आवेदन खुद से आप नहीं कर सकते थे। यह सुविधा नहीं थी उस समय उस वक्त पंचायत कार्यालय के माध्यम से आवेदन किया जाता था। और पंचायत कार्यालय, प्रखंड कार्यालय तथा जिला कार्यालय से जांच होती थी।लेकिन अभी आप खुद से आवेदन कर सकते हैं।

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और आवेदन होने के बाद प्रखंड या अंचल कार्यालय में जांच होती है, फिर जिला कार्यालय में जांच होती है, राज्य स्तर में जांच होने के बाद आपको अप्रूवल दिया जाता है। लेकिन इस योजना से जुड़े पोर्टल के मुताबिक स्वतः निबंधन के कुल 17 लाख आवेदन हुए हैं, और ये 17 लाख में से 16 लाख से भी अधिक आवेदन बिल्कुल फर्जी हैं जिसके लिए कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

जमीन का सत्यापन जरूरी है

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ लेने के लिए जमीन का सत्यापित कागजात देना जरूरी होता है। यदि आप एक किसान है तो आपके पास जमीन जरूर होगा जिसका सत्यापित कागजात, पर्चा, वंशावली या खतियान जो भी है वो को पोर्टल में अपलोड करना पड़ता है।

लेकिन ऑनलाइन आवेदन के दौरान एक ही जमीन के कागजात पर कई आवेदन किए गए हैं। ये मामला आया हुआ है और इसकी जांच के लिए विभाग इस डीसी के साथ मिलकर लगातार मॉनिटरिंग कर रहा है। विभाग ने डीसी को पत्र लिखकर कहा कि बिना सत्यापन किए ही प्रखंड कार्यालय राज्य सरकार को आवेदन भेज रहे हैं इसको स्वीकृति भी किया जा रहा है।

कृषि सचिव का आदेश हुआ जारी

बिना जांच के आवेदन अप्रूव किए जाने के मामले में कृषि सचिव का आदेश जारी किया गया है कि जो इसमें संलिप्त है,चाहे वह अधिकारी हो या फिर कोई भी हो लापरवाह अफसरों एवं कर्मचारीयों के ऊपर अनुशासन कार्यवाही करने आदेश आ चुका है।

यह जरूरी भी है संबंधित अधिकारियों और कर्मचारीयों के खिलाफ अनुशासन कारवाही जरूरी है। डीसीने कहा कि ऐसे आवेदनों की जांच के बाद ही उसे आगे बढ़ाया जाए। और साथ में सही आवेदन छूटे नहीं इसका पूरा ध्यान रखने के लिए यहां पे कहा गया है।

क्या है पात्रता मानदंड

पीएम किसान सम्मान निधि योजना के शुरूआत में 2 हेक्टेयर तक भूमि वाले छोटे एवं सीमांत किसानों को है इस योजना का लाभ दिया जाता था। लेकिन मौजूदा समय में इसका दायरा बढ़ा दिया गया है। अब जिनके पास खुद के नाम पर भूमि है वैसे सभी किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि योजना का लाभ प्रदान किया जाता है।

पात्रता मानदंड की जानकारी निम्नलिखित है:

किसान परिवार की परिभाषा: इस योजना में “किसान परिवार” में पति, पत्नी और 18 वर्ष से कम उम्र के नाबालिग बच्चे के शामिल होते हैं, और योजना के लाभार्थी वही किसान परिवार होंगे जिनके पास 2 हेक्टेयर तक की खेती योग्य भूमि है, जिसका विवरण राज्य या केंद्र शासित प्रदेश की सरकार द्वारा सुनिश्चित किया गया हो।
भूमि का उपयोग: इस योजना का लाभ उन्ही किसान परिवारों को ही मिलेगा जो अपनी भूमि का उपयोग खेती के लिए कर रहे हैं। गैर-खेती योग्य भूमि या गैर-कृषि कार्यों में अपनी भूमि का उपयोग करने वाले किसान इसके पात्र नहीं होंगे।
आय सीमा: इस योजना का लाभ प्राप्त करने वाले किसानों की आय का मुख्य स्रोत पूर्ण रूप से कृषि होना चाहिए। अगर किसान की आय का मुख्य स्रोत कृषि के अलावा सरकारी सेवा, व्यवसाय या किसी अन्य प्रकार की आय है, तो वह इस योजना के पात्र नहीं होंगे।
प्रमाण सत्यापन: इस योजना का लाभ लेने के लिए पात्र किसान को अपना आधार नंबर तथा बैंक खाता का विवरण प्रदान करना अनिवार्य है। यदि आवेदक द्वारा किसी भी प्रकार की गलत जानकारी दी जाती है, तो योजना के तहत दी गई राशि को वापस लिया जा सकता है और साथ ही किसान के उपर अन्य कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है।

निम्नलिखित वर्ग के लोग इस योजना के पात्र नहीं होंगे

संवैधानिक पदाधिकारी: राज्य या केंद्र सरकार के वर्तमान या पूर्व संवैधानिक पदधारी इस योजना का लाभ नहीं उठा सकते हैं।
वित्तीय लाभ वाले पेशेवर: डॉक्टर, इंजीनियर, वकील, चार्टर्ड अकाउंटेंट, आर्किटेक्ट जैसे पेशेवर जो वित्तीय लाभ प्राप्त करते हैं, वह इस योजना के लिए पात्र नहीं हैं।
सरकारी कर्मचारी: केंद्र या राज्य सरकार के नियमित कर्मचारी तथा सार्वजनिक उपक्रमों के कर्मचारी इस योजना का लाभ नहीं ले सकते। हालांकि, मल्टी-टास्किंग स्टाफ, चौकीदार और चपरासी इस योजना के लिए पात्र होंगे।
पेंशनभोगी: जिनकी मासिक पेंशन 10 हजार या उससे अधिक है, वे भी इस योजना का लाभ नहीं ले सकते हैं।
आयकर दाता: वे किसान जो आयकर भरते हैं, वे इस योजना के लिए पात्र नहीं हैं।
पेशेवर/व्यवसायी: ऐसे किसान जिनकी आय कृषि से नहीं बल्कि व्यापार या अन्य पेशेवर गतिविधियों से होती है, वे योजना का लाभ नहीं उठा सकते।

आवेदन हेतु आवश्यक दस्तावेज

खतौनी की नकल: आवेदक के पास खतौनी की नकल होना अनिवार्य है, जिससे यह साबित हो सके कि भूमि पर कानूनी अधिकार आवेदक के पास है।
आय प्रमाणपत्र: आवेदन के समय आवेदक के पास खुद का नया बना हुआ इनकम सर्टिफिकेट होना चाहिए।
आधार कार्ड: आवेदक किसान के पास वैध आधार कार्ड होना चाहिए, जो इस योजना के पंजीकरण और लाभ के वितरण के लिए बेहद ही अनिवार्य है।
बैंक खाता: किसान के पास उनके नाम से एक चालू (सक्रिय) बैंक खाता होना चाहिए।

नोट: आवेदक द्वारा गलत या फर्जी जानकारी देने पर लाभार्थी अयोग्य घोषित हो सकता है, और उस स्थिति में उसे दी गई राशि वापस करनी पड़ सकती है।

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